बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग

बुद्धिमान लोग विश्लेषणात्मक तरीके से सोचते हैं और पैसे बनाने के लिए इंटरनेट तक उनकी पहुंच रखते है। भारतीय ट्रेडर के लिए भी बायनरी ऑप्शन ट्रेडिंग एक अच्छी चॉइस है। मगर ट्रेडिंग के लिए एक अच्छा प्लेटफॉर्म चुनना भी आवश्यक है।

उच्च आय

एसेट के मूल्य की दिशा के बारे में सही अनुमान पर 95% तक गारंटी रिटर्न।

छोटी शुरुआत

छोटी रकम से शुरू करें और शॉर्ट टर्म सेल का अनुभव लीजिए केवल $10 के न्यूनतम डिपॉजिट से।

क्विक डील

सबसे छोटा टाइम फ्रेम जिसमे एक ऑप्शन ट्रेड जारी रह सकता है, 60 सेकंड तक।
सफल ट्रेड के मामले में अमाउंट को अकाउंट में डाल दिया जाएगा।

क्या यह भारत में वैध हैं?

इस प्रश्न का उत्तर दो भागों में बटा हुआ है। पहला है स्थानीय कानून। स्थानीय कानून के अनुसार, एक्सचेंज पर ट्रेडिंग, जिसमें फोरेक्स और बायनरी ऑप्शन शामिल है, पूरी तरह से वैध है। एक भारतीय ट्रेडर का मुनाफा कमाने का और आवश्यक करो के भुगतान करके पैसे निकालने का हक है।

दूसरा भाग है वैद्य कंपनियों के साथ सहोद्योग। IQ Option प्लेटफार्म का सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के द्वीप पर आधिकारिक पंजीकरण है और भारत सहित कई देशों में काम करने का अधिकार देने वाला एक अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस है। साथ ही, कंपनी की गतिविधियों को स्पेशल इंस्टिट्यूशन द्वारा नियंत्रित किया जाता है और साइट ग्राहकों को संपूर्ण सुरक्षा की गारंटी देता है।

इसलिए, हर एक भारतीय IQ Option यूज़र पैसा बना सकता है, कानूनी रूप से और सुरक्षित रूप से बाइनरी ट्रेडिंग (Binary trading) के जरिए।

इस प्लेटफार्म के मुख्य फायदे

मोबिलिटी

मॉडर्न एप्लीकेशन के वजह से, एंड्राइड या iOS जैसी डिवाइस पर ट्रेडिंग उपलब्ध है और आप इसका इस्तेमाल इंटरनेट के जरिए कहीं भी कर सकते हैं।

सुरक्षा

सारे महत्वपूर्ण जानकारियां स्कैमर से बहुत विश्वस्त तरीके से SSL 3.0 प्रोटोकॉल के जरिए सुरक्षित रखे जाते हैं। यह प्रोग्राम डायनामिक 256-बिट साइफर का उपयोग करता है, जिसे हैक नहीं किया जा सकता।

कस्टमाइज्ड सेटिंग

IQ Option कंपनी भारत में सबसे बेहतरीन ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर ऑफर करता है (best trading software in india)। हर एक कस्टमर चार्ट को कस्टमाइज कर सकता है, क्लाइंट जिन सिग्नल और इंडिकेटर को आवश्यक समझता है उसे ऐड कर सकता है।

40+ एसेट्स

IQ Option प्लेटफॉर्म भारतीय ट्रेडर्स को उन क्षेत्रों में कमाने देता है जो उनके लिए सुविधाजनक है। आज, कंपनी 40 एसेट के विकल्पों का पेशकश करता है। यह मुद्राएं, करेंसी पेयर, स्टॉक, क्रिप्टो करेंसी, कच्चा माल और अन्य एसेट है। वहां कमाए जहां आप सफल बन सकते हैं।
कोई स्वैप या दलाली नहीं
जब आप एक डील ओपन करते है
$ 20 000 000 +
1 000 000 +
पैसे निकालें:
50 000 000 +
पंजीकृत यूजर:
ट्रेड डील:
प्रति दिन
प्रति माह
उपभोक्ता समर्थन:
24/7

संख्याओं मे IQ Option

IQ Option प्लेटफॉर्म 2013 को पंजीकृत किया गया था। तब यह एक छोटा कंपनी था, मगर आज यह भारत में सबसे बेहतरीन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है। कोई बेबुनियाद बातें नहीं — केवल तथ्य और संख्याएं।
अराउंड द वर्ल्ड
बहुभाषी

बाइनरी ऑप्शन (Binary options) के बारे में

असल में पैसे निवेश करने से पहले मैं कैसे बायनरी ऑप्शन में ट्रेडिंग करना सीख सकता हूं?
IQ Option कंपनी बाइनरी ऑप्शन (Binary options) में पैसे बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थिति तैयार करता है। उदाहरण के लिए, एक भारतीय ट्रेडर जोखिम को कम करने के लिए डेमो अकाउंट खोल सकता है ("फ्री प्रैक्टिस अकाउंट" बटन पेज के शीर्ष में स्थित है)। यह विकल्प सभी पंजीकृत ग्राहकों को उपलब्ध है। इसे एक्टिवेट करने के बाद, आपके अकाउंट में आपको 10,000 वर्चुअल डॉलर मिलते हैं। इन पैसों को बायनरी ऑप्शन के लेन देन लिए उपयोग किया जा सकता है, और वास्तविक सूचकों को ध्यान में रखा जाता है। यह बात सच है कि इससे वास्तविकता में कोई प्रॉफिट नहीं मिलती, मगर भारतीय क्लाइंट इससे ट्रेडिंग के बारे में बारीकी से सीख सकते हैं, बेहतरीन स्ट्रेटजी का चयन करके और रणनीति का विकास करके बिना असली पैसे गवाएं।

इसके साथ, हम सलाह देते हैं कि आप इंफॉर्मेशन सेक्शन को भी देखें। वहां आपको ट्रेडिंग के खबरें, मॉडर्न स्ट्रेटजी के विश्लेषण ( लाभ और नुकसान दोनों को ध्यान में रखते हुए), साथ ही साथ सफल उपयोगकर्ताओं से नुस्खे भी मिलेंगे। आपको लिंक इस साइट के नीचे मिलेगा।
कितनी राशि का निवेश करें?
पेशेवर ट्रैडर के सबसे महत्वपूर्ण गुणों में से एक है पैसों का मैनेजमेंट। पैसों को सही ढंग से मैनेज करने की क्षमता आपको बाइनरी ट्रेडिंग (Binary trading) में घाटों को कम करने और लाभ को बढ़ाने में सक्षम करता है। याद रखें न्यूनतम डिपॉजिट राशि $10 है, और ट्रांजैक्शन राशि $1. ट्रेडिंग में कोई 100% असरदार रणनीति नहीं है, इसलिए सिर्फ उतने अमाउंट ही का निवेश करें जितने कि आप लॉस सह सकते हैं। साथ ही पेशेवर उपयोगकर्ताओं की ओर से भी कुछ नुस्खे हैं:

  • धिकतम ट्रांजैक्शन अमाउंट बैंक के 10% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इस तरीके से आप संभावित घाटों को कम कर सकते हैं — पेशेवर अपने सभी पैसों को एक घोड़े पर नहीं लगाते। तब भी जब जीतने के पूर्वानुमान बहुत ज्यादा हो, फिर भी गलती हो सकती है। इसलिए, थोड़ा कम कमाई करना बेहतर है, इससे सब कुछ हारने के खतरे को कम किया जा सकता है;
  • अपने उत्तेजना को वश में करें। अपने घाटों को जल्दी से भरने के चक्कर में बैंक का सारा पैसा जा सकता है। आप को समझना होगा कि असफल ट्रांजैक्शन भी एक सकारात्मक परिणाम है — वह आपको कारणों के विश्लेषण करने का, निष्कर्ष निकालने का और रणनीति में सुधार करने का मौका देता है।
करंट प्राइस (Current) और स्ट्राइक प्राइस (Strike Price) क्या है?
यह बुनियादी कांसेप्ट है जिसे हर भारतीय यूज़र को Binary options पर ट्रेडिंग शुरू करने से पहले जानना चाहिए।

  • करंट प्राइस एक निश्चित समय पर चयनित विकल्प का मूल्य है;
  • स्ट्राइक प्राइस — ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में निर्दिष्ट एक निश्चित मूल्य, जिस पर ऑप्शन खरीदार को समाप्ति के समय अंतर्निहित एसेट खरीदने (बेचने) का अधिकार है। प्रत्येक प्रतिभागी अपने लिए एक स्ट्राइक चुनता है।
बाइनरी ऑप्शंस (binary options) के साथ काम करते वक्त आप कौन से टूल का उपयोग करते हैं?
बाइनरी ऑप्शंस (Binary options) में सफल ट्रेडिंग के मूलभूत सिद्धांत है चुनिंदा एसेट के मूल्य में बदलाव का सही पूर्वानुमान। इसके लिए, व्यापक विश्लेषण करना और बड़ी संख्या में मापदंडों पर ध्यान देना आवश्यक है।

तकनीकी विश्लेषण, विश्लेषण का सबसे मूलभूत और महत्वपूर्ण चरण है क्योंकि यह आपको वर्तमान ट्रेंड का निर्णय करने की अनुमति देता है — आरोही या अवरोही (ascending or descending)। ट्रेंड के प्रकार और इसके दीर्घकालीक, वित्तीय विश्लेषण कई सारे टूल का उपयोग करता है, जैसे तकनीकी विश्लेषण या विभिन्न सूचक के बेसिक फिगर।

तकनीकी विश्लेषण का और एक मूल अवधारणा है अस्थिरता (volatility), जो कीमत के अस्थिरता के डिग्री को दर्शाता है, यानी एक एसेट का कितना मूल्य कितने जल्दी एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुंचता है। अस्थिरता जितना ज्यादा होगा, मूल्य के गतिविधि भी उतनी ही ज्यादा अस्थाई होगी, और चार्ट में उतना ही ज्यादा उतार-चढ़ाव नजर आएंगे। इसके विपरीत, एसेट की अस्थिरता जितनी कम होगी, एसेट का मूल्य उतना ही स्थिर रहेगा।

इंटरएक्टिव प्राइस चार्ट इंडिकेटर को देखने की क्षमता प्रदान करता है — इंडिकेटर बटन को क्लिक करें और दिखाई देने वाले लिस्ट में से अपने वांछित इंडिकेटर को सिलेक्ट करें। किसी भी इंडिकेटर का मूल है ट्रेंड और कुछ और अधिक सूक्ष्म एल्गोरिदम जो आपको अल्पावधि में भविष्य की कीमत की प्रवृत्ति का सटीक अनुमान लगाने की अनुमति देते हैं। तकनीकी विश्लेषण में इस्तेमाल किए जाने वाले आम इंडिकेटर में होने चाहिए:


  • Moving Averages;
  • William's Volumes;
  • Alligator;
  • Stochastic;
  • MACD — Moving Average Convergence/Divergence;
  • Bollinger bands.
ब्रेकआउट एंड रिवर्सल(Breakouts & reversals)
ब्रेकथ्रू ट्रेडिंग (Breakthrough trading) नौसिखिया व्यापारियों और पेशेवरों दोनों के लिए सबसे रोमांचक व्यापारिक रणनीतियों में से एक है। दो तरह के विश्वसनीय ब्रेकआउट (Breakouts)है जो बाइनरी ऑप्शंस(Binary options) में ट्रेडिंग के लिए बहुत कारगर है:

  • ग्राफिक मॉडल का ब्रेकथ्रू। मॉडल के ब्रेकआउट सबसे आम तरह के ब्रेकआउट है क्योंकि वह मूल प्राइस एक्शन और रिवर्सल/कंसोलिडेशन मॉडल पर आधारित है। सबसे आम मॉडल में त्रिकोण, चैनल, वेजेज, पेनेन्ट्स, झंडे, और कम आमें — सिर और कंधे शामिल हैं।

  • higher highs or lower lows इंपल्स ब्रेकआउट (Impulse breakouts)। इंपल्स ब्रेकआउट तब होता है जब कोई कीमत हाल ही में अल्पकालिक प्राइस रेंज के उच्च के ऊपर चला जाए या निम्न के भी नीचे चला जाए।

साथ ही, ब्रेकआउट पर ट्रेड करने वाला ट्रेडर को यह ध्यान में रखना चाहिए कि किस अवधि में वह ट्रेड कर रहा है, क्योंकि एक छोटा टाइम स्केल बड़ी संख्या में संभावित ब्रेकआउट और बड़ी संख्या में फॉल्स ब्रेक दिखाएगा। ट्रेडर को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि विभिन्न करेंसी पेयर और विभिन्न अवधि के लिए संभावित मुनाफा भी भिन्न होगा — एक बड़ी अवधि ज्यादा प्रॉफिट संभावना को दर्शाता है, मगर दूसरी ओर, एक ज्यादा संभावित नुकसान होगा यदि ब्रेकथ्रू गलत निकला।
एक समय में मैं कितने ट्रेड कर सकता हूं?
हर एक भारतीय ट्रेडर उतने संख्यक ट्रांजैक्शन कर सकता है जितना ट्रेडर को जरूरी लगे। प्लेटफॉर्म आपके एक्शन को सीमा बद्ध नहीं करता। मगर यह समझना जरूरी है की आप गुणात्मक तरीके से पूरे एरिया को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं, इसलिए इस मामले में जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि, यूजर डाउनलोड, कनेक्ट और रोबोट को कॉन्फ़िगर कर सकता है, जिससे वह ट्रेडिंग को स्वचालित कर सके और हर समय उपलब्ध रह सके। प्रोग्राम, उपलब्ध एसेट का विश्लेषण कर सकता है, सबसे प्रॉफिटेबल और क्लोज डील मिली सेकंड के सटीकता के साथ पेश कर सकता है।
मेरे ऑप्शन के अंत होने से पहले उनके ट्रेड के लिए मैं कौन-कौन से टाइम फ्रेम चुन सकता हूं?
IQ Option भारतीय यूजर्स को अलग-अलग समाप्ति तिथि के साथ कई तरह के विकल्प प्रदान करता है। उदाहरण के लिए:

  • र्बो ऑप्शन (Turbo options). र्बो ऑप्शन (Turbo options)। यह एक उच्च-जोखिम वाला टूल है जहां समय समाप्ति 1−5 मिनट की होती है। यहां पहले से सटीक पूर्वानुमान लगाना बहुत कठिन है, मगर औसत लाभ एक सफल ट्रांजैक्शन पर बहुत ज्यादा है ( 95% तक)। यह पद्धति जल्द पैसा बनाने और जोखिम पसंद लोगों के लिए है;

  • डिजिटल ऑप्शन (Digital options). डिजिटल ऑप्शन (Digital options). यहां, समय समाप्ति एक सप्ताह से एक महीने तक का है। यह आपको एक व्यापक विश्लेषण और एक सटीक पूर्वानुमान लगाने की अनुमति देता है। यह विकल्प कम अस्थिरता वाले एसेट के लिए सही है (उदाहरण के लिए कमोडिटी/माल)।
समय समाप्ति से पहले क्या मैं इसे भेज सकता हूं?
हां, प्रत्येक भारतीय IQ Option ग्राहक के पास यह अवसर है। प्रारंभिक समय समाप्ति होती है जब Call या Put ऑप्शन के धारक उसके अपील के समाप्ति से पहले उसके कॉन्ट्रैक्ट में परिभाषित अपने अधिकारों का प्रयोग करने का निर्णय करता है। परिणाम स्वरूप, ऑप्शन सेलर को ऑप्शन धारक के अधिकारों को लागू करने की आवश्यकता होगी, और शेयर मालिक को बदल देगा। यह विकल्प उत्कृष्ट है यदि आप तय करते हैं कि एसेट पहले से ही अधिकतम लाभ ला चुकी है।
बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग (Binary options trading) के प्रकार और फायदे
IQ Option प्लेटफार्म ग्राहकों को एक बड़ी संख्या में बाइनरी ऑप्शंस (Binary options) पर लाभ उठाने के कई सारे सुझाव प्रदान करता है।

  • Call / Put. इस मामले में, भारतीय ट्रेडर को एसेट के मूल्य की गतिविधि (ऊपर या नीचे) की दिशा का पूर्वानुमान लगाना पड़ेगा। सही पूर्वानुमान से प्रॉफिट मिलेगा;

  • Touch / No-touch. ट्रेडर एक निश्चित सीमा को इंगित करता है (वर्तमान मूल्य से ऊपर या नीचे) और तय करता है की कीमत एक निर्दिष्ट मूल्य तक पहुंचता है (touch) या नहीं पहुंचता है (no-touch);

  • In / Out. इस मामले में, एसेट कीमत के यहां दो इंडिकेटर हैं (ऊपर और नीचे) जो बॉर्डर को बनाता है। भारतीय ट्रेडर का कार्य यह निर्धारित करना है कि क्या मूल्य इस गलियारे के अंदर होगा या समाप्ति तिथि के बाद इसे छोड़ देगा;

  • Spread. सबसे मुश्किल ऑप्शन, पेशेवर ट्रेडर के लिए उपयुक्त है। यूजर का कार्य सिर्फ कीमत के गतिविधि के दिशा का अनुमान लगाना ही नहीं बल्कि सटीक मूल्यों को भी इंगित करना है।
असल में पैसे निवेश करने से पहले मैं कैसे बायनरी ऑप्शन में ट्रेडिंग करना सीख सकता हूं?
IQ Option कंपनी बाइनरी ऑप्शन (Binary options) में पैसे बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थिति तैयार करता है। उदाहरण के लिए, एक भारतीय ट्रेडर जोखिम को कम करने के लिए डेमो अकाउंट खोल सकता है ("फ्री प्रैक्टिस अकाउंट" बटन पेज के शीर्ष में स्थित है)। यह विकल्प सभी पंजीकृत ग्राहकों को उपलब्ध है। इसे एक्टिवेट करने के बाद, आपके अकाउंट में आपको 10,000 वर्चुअल डॉलर मिलते हैं। इन पैसों को बायनरी ऑप्शन के लेन देन लिए उपयोग किया जा सकता है, और वास्तविक सूचकों को ध्यान में रखा जाता है। यह बात सच है कि इससे वास्तविकता में कोई प्रॉफिट नहीं मिलती, मगर भारतीय क्लाइंट इससे ट्रेडिंग के बारे में बारीकी से सीख सकते हैं, बेहतरीन स्ट्रेटजी का चयन करके और रणनीति का विकास करके बिना असली पैसे गवाएं।

इसके साथ, हम सलाह देते हैं कि आप इंफॉर्मेशन सेक्शन को भी देखें। वहां आपको ट्रेडिंग के खबरें, मॉडर्न स्ट्रेटजी के विश्लेषण ( लाभ और नुकसान दोनों को ध्यान में रखते हुए), साथ ही साथ सफल उपयोगकर्ताओं से नुस्खे भी मिलेंगे। आपको लिंक इस साइट के नीचे मिलेगा।
कितनी राशि का निवेश करें?
पेशेवर ट्रैडर के सबसे महत्वपूर्ण गुणों में से एक है पैसों का मैनेजमेंट। पैसों को सही ढंग से मैनेज करने की क्षमता आपको बाइनरी ट्रेडिंग (Binary trading) में घाटों को कम करने और लाभ को बढ़ाने में सक्षम करता है। याद रखें न्यूनतम डिपॉजिट राशि $10 है, और ट्रांजैक्शन राशि $1. ट्रेडिंग में कोई 100% असरदार रणनीति नहीं है, इसलिए सिर्फ उतने अमाउंट ही का निवेश करें जितने कि आप लॉस सह सकते हैं। साथ ही पेशेवर उपयोगकर्ताओं की ओर से भी कुछ नुस्खे हैं:

  • धिकतम ट्रांजैक्शन अमाउंट बैंक के 10% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इस तरीके से आप संभावित घाटों को कम कर सकते हैं — पेशेवर अपने सभी पैसों को एक घोड़े पर नहीं लगाते। तब भी जब जीतने के पूर्वानुमान बहुत ज्यादा हो, फिर भी गलती हो सकती है। इसलिए, थोड़ा कम कमाई करना बेहतर है, इससे सब कुछ हारने के खतरे को कम किया जा सकता है;

  • अपने उत्तेजना को वश में करें। अपने घाटों को जल्दी से भरने के चक्कर में बैंक का सारा पैसा जा सकता है। आप को समझना होगा कि असफल ट्रांजैक्शन भी एक सकारात्मक परिणाम है — वह आपको कारणों के विश्लेषण करने का, निष्कर्ष निकालने का और रणनीति में सुधार करने का मौका देता है।
करंट प्राइस (Current) और स्ट्राइक प्राइस (Strike Price) क्या है?
यह बुनियादी कांसेप्ट है जिसे हर भारतीय यूज़र को Binary options पर ट्रेडिंग शुरू करने से पहले जानना चाहिए।

  • करंट प्राइस एक निश्चित समय पर चयनित विकल्प का मूल्य है;
  • स्ट्राइक प्राइस — ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में निर्दिष्ट एक निश्चित मूल्य, जिस पर ऑप्शन खरीदार को समाप्ति के समय अंतर्निहित एसेट खरीदने (बेचने) का अधिकार है। प्रत्येक प्रतिभागी अपने लिए एक स्ट्राइक चुनता है।
बाइनरी ऑप्शंस (binary options) के साथ काम करते वक्त आप कौन से टूल का उपयोग करते हैं?
बाइनरी ऑप्शंस (Binary options) में सफल ट्रेडिंग के मूलभूत सिद्धांत है चुनिंदा एसेट के मूल्य में बदलाव का सही पूर्वानुमान। इसके लिए, व्यापक विश्लेषण करना और बड़ी संख्या में मापदंडों पर ध्यान देना आवश्यक है।

तकनीकी विश्लेषण, विश्लेषण का सबसे मूलभूत और महत्वपूर्ण चरण है क्योंकि यह आपको वर्तमान ट्रेंड का निर्णय करने की अनुमति देता है — आरोही या अवरोही (ascending or descending)। ट्रेंड के प्रकार और इसके दीर्घकालीक, वित्तीय विश्लेषण कई सारे टूल का उपयोग करता है, जैसे तकनीकी विश्लेषण या विभिन्न सूचक के बेसिक फिगर।

तकनीकी विश्लेषण का और एक मूल अवधारणा है अस्थिरता (volatility), जो कीमत के अस्थिरता के डिग्री को दर्शाता है, यानी एक एसेट का कितना मूल्य कितने जल्दी एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुंचता है। अस्थिरता जितना ज्यादा होगा, मूल्य के गतिविधि भी उतनी ही ज्यादा अस्थाई होगी, और चार्ट में उतना ही ज्यादा उतार-चढ़ाव नजर आएंगे। इसके विपरीत, एसेट की अस्थिरता जितनी कम होगी, एसेट का मूल्य उतना ही स्थिर रहेगा।

इंटरएक्टिव प्राइस चार्ट इंडिकेटर को देखने की क्षमता प्रदान करता है — इंडिकेटर बटन को क्लिक करें और दिखाई देने वाले लिस्ट में से अपने वांछित इंडिकेटर को सिलेक्ट करें। किसी भी इंडिकेटर का मूल है ट्रेंड और कुछ और अधिक सूक्ष्म एल्गोरिदम जो आपको अल्पावधि में भविष्य की कीमत की प्रवृत्ति का सटीक अनुमान लगाने की अनुमति देते हैं। तकनीकी विश्लेषण में इस्तेमाल किए जाने वाले आम इंडिकेटर में होने चाहिए:


  • Moving Averages;
  • William's Volumes;
  • Alligator;
  • Stochastic;
  • MACD — Moving Average Convergence/Divergence;
  • Bollinger bands.
ब्रेकआउट एंड रिवर्सल(Breakouts & reversals)
ब्रेकथ्रू ट्रेडिंग (Breakthrough trading) नौसिखिया व्यापारियों और पेशेवरों दोनों के लिए सबसे रोमांचक व्यापारिक रणनीतियों में से एक है। दो तरह के विश्वसनीय ब्रेकआउट (Breakouts)है जो बाइनरी ऑप्शंस(Binary options) में ट्रेडिंग के लिए बहुत कारगर है:

  • ग्राफिक मॉडल का ब्रेकथ्रू। मॉडल के ब्रेकआउट सबसे आम तरह के ब्रेकआउट है क्योंकि वह मूल प्राइस एक्शन और रिवर्सल/कंसोलिडेशन मॉडल पर आधारित है। सबसे आम मॉडल में त्रिकोण, चैनल, वेजेज, पेनेन्ट्स, झंडे, और कम आमें — सिर और कंधे शामिल हैं।

  • higher highs or lower lows इंपल्स ब्रेकआउट (Impulse breakouts)। इंपल्स ब्रेकआउट तब होता है जब कोई कीमत हाल ही में अल्पकालिक प्राइस रेंज के उच्च के ऊपर चला जाए या निम्न के भी नीचे चला जाए।

साथ ही, ब्रेकआउट पर ट्रेड करने वाला ट्रेडर को यह ध्यान में रखना चाहिए कि किस अवधि में वह ट्रेड कर रहा है, क्योंकि एक छोटा टाइम स्केल बड़ी संख्या में संभावित ब्रेकआउट और बड़ी संख्या में फॉल्स ब्रेक दिखाएगा। ट्रेडर को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि विभिन्न करेंसी पेयर और विभिन्न अवधि के लिए संभावित मुनाफा भी भिन्न होगा — एक बड़ी अवधि ज्यादा प्रॉफिट संभावना को दर्शाता है, मगर दूसरी ओर, एक ज्यादा संभावित नुकसान होगा यदि ब्रेकथ्रू गलत निकला।
एक समय में मैं कितने ट्रेड कर सकता हूं?
हर एक भारतीय ट्रेडर उतने संख्यक ट्रांजैक्शन कर सकता है जितना ट्रेडर को जरूरी लगे। प्लेटफॉर्म आपके एक्शन को सीमा बद्ध नहीं करता। मगर यह समझना जरूरी है की आप गुणात्मक तरीके से पूरे एरिया को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं, इसलिए इस मामले में जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि, यूजर डाउनलोड, कनेक्ट और रोबोट को कॉन्फ़िगर कर सकता है, जिससे वह ट्रेडिंग को स्वचालित कर सके और हर समय उपलब्ध रह सके। प्रोग्राम, उपलब्ध एसेट का विश्लेषण कर सकता है, सबसे प्रॉफिटेबल और क्लोज डील मिली सेकंड के सटीकता के साथ पेश कर सकता है।
मेरे ऑप्शन के अंत होने से पहले उनके ट्रेड के लिए मैं कौन-कौन से टाइम फ्रेम चुन सकता हूं?
IQ Option भारतीय यूजर्स को अलग-अलग समाप्ति तिथि के साथ कई तरह के विकल्प प्रदान करता है। उदाहरण के लिए:

  • र्बो ऑप्शन (Turbo options). र्बो ऑप्शन (Turbo options)। यह एक उच्च-जोखिम वाला टूल है जहां समय समाप्ति 1−5 मिनट की होती है। यहां पहले से सटीक पूर्वानुमान लगाना बहुत कठिन है, मगर औसत लाभ एक सफल ट्रांजैक्शन पर बहुत ज्यादा है ( 95% तक)। यह पद्धति जल्द पैसा बनाने और जोखिम पसंद लोगों के लिए है;

  • डिजिटल ऑप्शन (Digital options). डिजिटल ऑप्शन (Digital options). यहां, समय समाप्ति एक सप्ताह से एक महीने तक का है। यह आपको एक व्यापक विश्लेषण और एक सटीक पूर्वानुमान लगाने की अनुमति देता है। यह विकल्प कम अस्थिरता वाले एसेट के लिए सही है (उदाहरण के लिए कमोडिटी/माल)।
समय समाप्ति से पहले क्या मैं इसे भेज सकता हूं?
हां, प्रत्येक भारतीय IQ Option ग्राहक के पास यह अवसर है। प्रारंभिक समय समाप्ति होती है जब Call या Put ऑप्शन के धारक उसके अपील के समाप्ति से पहले उसके कॉन्ट्रैक्ट में परिभाषित अपने अधिकारों का प्रयोग करने का निर्णय करता है। परिणाम स्वरूप, ऑप्शन सेलर को ऑप्शन धारक के अधिकारों को लागू करने की आवश्यकता होगी, और शेयर मालिक को बदल देगा। यह विकल्प उत्कृष्ट है यदि आप तय करते हैं कि एसेट पहले से ही अधिकतम लाभ ला चुकी है।
बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग (Binary options trading) के प्रकार और फायदे
IQ Option प्लेटफार्म ग्राहकों को एक बड़ी संख्या में बाइनरी ऑप्शंस (Binary options) पर लाभ उठाने के कई सारे सुझाव प्रदान करता है।

  • Call / Put. इस मामले में, भारतीय ट्रेडर को एसेट के मूल्य की गतिविधि (ऊपर या नीचे) की दिशा का पूर्वानुमान लगाना पड़ेगा। सही पूर्वानुमान से प्रॉफिट मिलेगा;

  • Touch / No-touch. ट्रेडर एक निश्चित सीमा को इंगित करता है (वर्तमान मूल्य से ऊपर या नीचे) और तय करता है की कीमत एक निर्दिष्ट मूल्य तक पहुंचता है (touch) या नहीं पहुंचता है (no-touch);

  • In / Out. इस मामले में, एसेट कीमत के यहां दो इंडिकेटर हैं (ऊपर और नीचे) जो बॉर्डर को बनाता है। भारतीय ट्रेडर का कार्य यह निर्धारित करना है कि क्या मूल्य इस गलियारे के अंदर होगा या समाप्ति तिथि के बाद इसे छोड़ देगा;

  • Spread. सबसे मुश्किल ऑप्शन, पेशेवर ट्रेडर के लिए उपयुक्त है। यूजर का कार्य सिर्फ कीमत के गतिविधि के दिशा का अनुमान लगाना ही नहीं बल्कि सटीक मूल्यों को भी इंगित करना है।
हिट ट्रेडर बनने के लिए जरूरत है व्यवसायिकता और अनुभव की। आपको यह समझने की जरूरत है कि इस तरह के एक फंडिंग इंस्ट्रूमेंट को उच्च जोखिम के साथ जोड़ा जाता है।

प्राइस रेंज को खोए बिना एक प्रैक्टिस (डेमो) अकाउंट संभावना है मेकैनिज्म को समझने की और रणनीतियों के परीक्षण की।
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ध्यान रखें, कि वित्तीय सेवाएँ, जैसे कि विकल्प और CFDs जटिल उपकरण हैं और इनमें उच्च स्तर का जोखिम होता है, जिसके परिणामस्वरूप आपके सभी फंड का नुकसान भी हो सकता है। वास्तविक खाते पर स्विच करने से पहले, कृपया शामिल जोखिमों को समझना सुनिश्चित करें।

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Binary Options. कैसे शुरू करें?